29 May, 2008

ऐसे ही

सुनो, मुझे एक रात ला दो ना...
हाँ चाँद भी ले आना चाहे जितना भी बड़ा मिले
कुछ तारे भी तोड़ देना अगर ज्यादा परेशानी ना हो

जनाब ने "जो हुकुम" कह के सर झुकाया
और दो मिनट में गेट से बाहर

और मैं अपने कीबोर्ड पर उँगलियाँ चलने लगी

दिन तो फ़िर भी मिल जाता है
वो रातें नहीं मिलती
कोहरे वाली, कभी बारिशो में भीगी हुयी
कुछ गीतों की यादों में लिपटी हुयी

वो आस्मान के नीचे खुली खुली सी रातें
क्या सच में कभी ला पायेगा वो

मैं सोच रही थी...शाम ढल गई
रात हो रही थी

कॉल बेल बजी,
और जनाब ने मेरी आंखों पर पट्टी बान्ध दी

और पट्टी खुली तो देखा
घर के गेट पर chevrolet optra लगी हुयी थी

और जनाब का कहना था
ये लो...बैठ के आराम से रात देखो !!!!

3 comments:

  1. वाह कितना प्यारा सुन्दर। इस chevrolet optra का मतलब समझ नही आया।

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  2. ismein sun roof hota hai...ad mein jaisa dikhaya hai...kahne ka matlab tha ki drive karo ya raat bhar baith kar khidki ses aasman aur taare dekho.
    is type ki kavuta kam likhti hun isliye thik se bhav ubhar nahin paate

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  3. JABARDAST FARMAHISHE HE AAP KI

    KAVYAwani.blogspot.com/

    SHEKHAR KUMAWAT

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